Sunday 20 October 2013

Detour to Dreams?



एक छोटे से बच्चे के मन में था एक ख्वाब,
बड़े होकर जिस इंडस्ट्री में काम करते हैं अमिताभ,
उस इंडस्ट्री में बड़ा आदमी बनेगा,
जैसे पापा कहते हैं, बड़ा नाम करेगा।

लेकिन जल्दबाज़ी में उसने गलत ट्रेन पकड़ ली,
बॉम्बे से दिल्ली, and then लन्दन after दिल्ली।

लन्दन में उसे लगा की जैसे कुछ अधूरा है,
फिर मालूम पड़ा, की दिल तोह साला अब भी बॉम्बे में पड़ा है!

सब खराब लगने लगा, अरे नहीं चाहिए थी उसे पौड वाली cream,
कि एक दिन उसने कहीं सुना, "Things are never as bad as they seem."
और नया दिल बनाने की कोशिश में लग गया वह छाबिसी,
इस अब भी अंजान शहर में ढूँढने लगा वोह हँसी।

फिर एक दिन, उसने बॉम्बे के डिब्बे में छुपी एक कहानी सुनी,
उस परदे के धागों से एक सपनो की कहानी बुनी।  
और अब उसके मन  में हर पल येही बात रहती है,
"कभी कभी गलत ट्रेन भी सही जगह पहुंचा देती है।"

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